श्रीलंका की टीम में खिलाडी बदल गए मगर टीम का स्वभाव नहीं बदला है। श्रीलंका की टीम जब भी हार रही होती है तो ऐसी अजीबो गरीब नई-नई हरकतें करती है। जबकि खेल में हार जीत चलती रहती है, हार को भी हमेशा खेल भावना के साथ स्वीकार करना चाहिए । नेहरू स्टेडियम इंदौर का आखरी भारत और श्रीलंका (India and Sri Lanka) का मैच 1997 का जिसमे श्रीलंका ने नेहरू स्टेडियम इंदौर की पिच को बेकार बता कर मैच खलने से इंकार किया था। उसके बाद नेहरू स्टेडियम को अंरर्राष्ष्ट्रीय मैच के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।
एक बार फिर गत रविवार को फ़िरोज़शाह कोटला मैदान पर हुआ एक तमाशा। नई दिल्ली के कोटला मैदान पर भारत और श्रीलंका (India and Sri Lanka) के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन ‘ऐसा ड्रामा’ देखा गया, जिसके दर्शन पहले कभी क्रिकेट इतिहास में नहीं ही हुए! जैसे-जैसा विराट कोहली का बल्ला लंकाई गेंदबाजों पर और मुखर होता गया, वैसे-वैसे श्रीलंकाई खिलाड़ियों के चेहरों पर ‘मुखौटों’ की संख्या भी बढ़ती गई | दरअसल हुआ यह कि लंच के बाद दूसरे सेशन के दौरान फील्डिंग कर रहे ज्यादातर श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने प्रदूषण से बचने वाले मास्क पहन लिए
भारत और श्रीलंका (India and Sri Lanka) के बीच चल रहे टेस्ट मैच के दौरान श्रीलंका के खिलाड़ी मास्क पहनकर फील्डिंग करते हुए नज़र आए | तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन श्रीलंका के खिलाड़ी प्रदूषण की वजह मास्क पहनकर फील्डिंग के लिए उतरे। क्रिकेट के इतिहास में शायद यह पहली बार है जब अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान खिलाड़ियों को प्रदूषण की वजह मास्क पहनकर खेलना पड़ा।
एक वक्त ऐसा आया जब श्रीलंका के कुछ खिलाड़ियों को प्रदूषण की वजह से सांस लेने में दिक्कत हुई और वह मैदान छोड़कर बाहर चले गए. यानी इनकी नौटंकी फिर चालू हो गई ।
प्रदूषण की वजह से मैच रोकना पड़ा। दोनों टीमों के कोच को भी अंपायर से सलाह-मशविरा करने के लिए मैदान में उतरना पड़ा। मैच रेफ़री डेविड बून भी प्रदूषण के स्तर को लेकर डॉक्टर के संपर्क में थे। प्रदूषण की वजह से श्रीलंका के खिलाड़ी फील्डिंग करने के लिए तैयार नहीं थे। फिर विराट कोहली ने दिमाग लगाते हुए उसी वक्त पारी घोषित कर दी। जब पारी घोषित हो गई तो श्रीलंका के खिलाड़ियों को मैदान छोड़ना पड़ा। अब भारत के खिलाड़ी फील्डिंग करने के लिए बिना मास्क पहने मैदान पर उतरे। श्रीलंका के दोनों सलामी बल्लेबाज भी छोर संभालने के लिए पहुंचे। भारत के तेज गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने अपने ओवर की पहली गेंद में विकेट लेकर टीम इंडिया को सफलता दिला दी।
श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने चेहरे पर मास्क दिल्ली के प्रदूषण के कारण नहीं बल्कि विराट की पारी के कारण पहने थे । वास्तव में विराट कोहली और भारी-भरकम स्कोर ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों की हवा खराब कर दी थी। वैसे प्रशंसकों की बात श्रीलंका टीम पर शक करने की पूरी वजह देती है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सीरीज में विराट एंड कंपनी के प्रदर्शन ने लंकाइयों के मनोबल पर ऐसी चोट पहुंचाई है कि उनका खेलने में मन ही नहीं लग रहा था । उन्होंने अपने-अपने प्रदर्शन और हालात से सही तरीके से निपटने के बजाय खेल भावने के विपरीत रवैया दिखा कर कोई सही उदाहरण पेश नहीं किया।
तब भी मधुमक्खी की वजह से रोकना पड़ा था मैच जब साउथ अफ्रीका से हार रही थी, श्रीलंका टीम, यह 4 फरवरी 2017 की बात है । श्रीलंका और साउथ अफ्रीका के बीच जोहानिसबर्ग क्रिकेट मैदान पर सीरीज के तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान मधुमक्खी की वजह से मैच को रोकना पड़ा था । मैदान के अंदर मधुमक्खी के डर से खिलाड़ी भागते हुए दिखे थे । एक समय ऐसा आया जब खेल को लगभग एक घंटे के लिए रोकना पड़ा । तब श्रीलंका की टीम बल्लेबाजी कर रही थी और टीम का स्कोर 27 ओवरों के बाद 4 विकेट पर 117 रन था । एक घंटे के बाद जब दोबारा मैच शुरू हुआ तब श्रीलंका की पूरी टीम सिर्फ 163 रन पर ऑल आउट हो गयी और साउथ अफ्रीका ने इस मैच को 7 विकेट से जीत लिया था ।
एक सवाल विशेषज्ञों ने यह भी उठाया कि फील्डिंग के दौरान तो श्रीलंकाइयों फील्डरों को मास्क की ज़रूरत महसूस हो रही थी, लेकिन उसके किसी भी बल्लेबाज ने बैटिंग के दौरान मास्क नहीं पहना। जहां तक हमारी जानकारी का सवाल है, तो ऐसा हैलमेट तो आज तक नहीं ही बना, जो प्रदूषण से बल्बलेबाज को बचाने में मदद करता है।
अंत में हम तो यही कहेंगे की विराट की धुलाई से श्रीलंका की हुई हवा ख़राब सभी खिलाडियों को पहनना पड़ा मास्क ।