इंसान हो कर भी खून पीना इनकी मज़बूरी है

हजारों सालों से Siberia के (-) 50 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर में रहने वाली ट्राइब की फोटोज सामने आई हैं। Nenets कही जाने वाली यह ट्राइब रूस के आर्कटिक टुंड्रा में रहती है। विलुप्ति की कगार पर खड़ी इस ट्राइब की पूरी ज़िन्दगी इन जानवरों को पालने और उनके झुंड को सुरक्षित रखने के आसपास घूमती है। इन Nenets के अस्तित्व के लिए बारहसिंगों का झुंड बहुत महत्त्वपूर्ण है।

क्या आप जानते हैं रूस के सबसे ठंडे इलाके यानी की साइबेरिया में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में हम बात कर रहे हैं रूस के Yamal-Nenets की, जहां (-) 45 टेम्परेचर का होना आम बात है। जो की आने वाले दिनों में यह (-)50 से भी नीचे चला जाएगा।

खून जमा देने वाली ठंड से बचने के लिए यहाँ लोग जानवरों खासतौर पर बारहसिंगा का खून पीते हैं और इसी से खुद को जिंदा रख पाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इन्हे Nenets कहा जाता है ।

यहाँ के लोग सिर्फ़ बारहसिंगा की खाल से बने कपड़े ही पहनते हैं, बारहसिंगा का ही मीट खाते हैं और अपनी बॉडी को गर्म रखने के लिए बारहसिंगा का ही खून भी पीते हैं। यानि यहाँ के लोग पूणतया बारहसिंगा पर ही आश्रित होते हैं। यहाँ के लोग अपने प्राचीन धर्म के देवताओं के लिए भी जानवरों की बलि देते हैं। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष अपने स्वयं के रहने की जगह बदलते रहते हैं। प्रत्येक वर्ष नई जगह बसने के लिए ये लोग खुद की बनाई गई लकड़ी की स्लेज पर लगभग एक हजार मील से ज़्यादा का सफर तय करते हैं।

करीब 10 हजार की आबादी वाली नेनेट्स ट्राइब्स के बीच बारहसिंगो की संख्या लगभग तीन लाख के आसापास है। यंहा लोगो के अस्तित्व के लिए बारहसिंगों का झुंड बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। यंहा के लोग बारहसिंगा के कच्चे मांस को बाहर फैक्ट्रियों को भी बेचते हैं। इसका एक भुगत बड़ा हिस्सा यूरोपीय देशों को भी भेजा जाता है।

इसके अलावा बारहसिंगा की खाल से कपड़े भी बनाए जाते हैं जो इस खून जमाने वाले तापमान में ठंड से इन लोगों की सुरक्षा करता है। यंहा रहने वाले बारहसिंगों के माइग्रेशन पैटर्न के मुताबिक सफर करते हैं। इन्हें सपाट जमीन के अलावा ओब नदी के ठंडे-बर्फीले पानी में भी सफर करना होता है। यह हम देखते हैं कि इन नेनेट्स के जीवन का संघर्ष और इसकी जीवनचर्या बहुत ही विस्मित काने वाली है। इंसान हो कर जानवरो का खून पीना इनकी मजकूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *