अमेज़न के रहस्य्मय जंगल

दक्षिण अमेरिका से होकर बहने वाली एक नदी है अमेज़न। आयतन के हिसाब से यह विश्व की सबसे बड़ी और लम्बाई के हिसाब से दूसरी नदी है। यह ब्राजील, पेरु, बोलविया, कोलम्बिया तथा इक्वाडोर से होकर बहती है। यह पेरु के एंडीज़ पर्वत-माला से निकालकर पूर्व की ओर बहती है, और अटलांटिक महासागर में मिलती है। इसकी प्रवाह-घाटी विश्व में बहुत विशाल  है, तथा इसमें जल की प्रवाह दर इसके बाद की आठ नदियों के योग से भी अधिक है। इसके लम्बे-चौडे पाट के कारण इस नदी पर पुलों का अभाव है ।

पृथ्वी पर जितने जीव हैं उनमें से एक तिहाई को अगर एक ही जगह देखना हो तो दक्षिण अमरीका अमेज़न वर्षा वनों में आइए अमेज़न नदी से जुड़ा ये जंगल करीब ५ .५  करोड़ साल पहले अस्तित्व में आया l पिछले 21000  सालों में यहां बहुत सारे बदलाव हुए हैं और जंगल का इलाक़ा बहुत सिमट गया है  बावजूद इसके यह पूरी दुनिया के वर्षावनों का आधा से ज्यादा हिस्सा है l जिसके 55 लाख वर्ग किलोमीटर का दायरा नौ देशों की जंगल के 390  अरब वृक्षों में 16000 से ज्यादा प्रजातियां मिलती हैं और साथ ही ये 400 से ज्यादा आदिम जनजातियों का भी बसेरा है जिनमें से ज्यादातर ऐसी हैं जिनका संबंध बाहरी दुनिया से  रहा  है  l जंगल और जंगल के जीव एक दूसरे का भरण पोषण करते रहे हैं ।

अमेजन के वर्षावन जो दक्षिण अमेरिका के अमेज़न बेसिन के एक बड़े भूभाग पर फैला हैं। यह बेसिन सत्तर लाख वर्ग किलोमीटर (१.७ अरब एकड़) क्षेत्र पर फैला है जिसमें से 55 (1.4 अरब एकड़) लाख वर्ग किलीमीटर पर वर्षावन खड़े है। यह क्षेत्र नौ देशों की सीमाओं में पड़ता है। वनों का अधिकांश भाग (60%) ब्राजील की सीमा में है। इसके बाद पेरू में १३% और अन्य देशों कोलंबिया, वेनेजुएला, ईक्वाडोर, बोलिविया, गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना में ये वन फैले हुए हैं।

ब्राजील में अमेजन के जंगलों में तस्कर अवैध रूप से सोने की खुदाई करने में लगे हैं ।  इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है और यहां रहने वाले आदिवासियों को भी।

दुनिया का सबसे घना जंगल माने जाने वाले अमेजन के जंगल में हाल  ही में  आसमान से गूगल का एक गुब्बार गिरा । हालांकि गूगल का दावा है कि उसने खुद अपने गुब्बारे को जंगल में धीरे-धीरे गिरने दिया । इस खास गुब्बारे के जरिए गूगल दुनिया के दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट सेवा पहुंचाता है ।

गूगल का दावा है कि दुनिया के हर कोने तक उसके गुब्बारे इंटरनेट पहुंचा सकते हैं   ।

आसमान में २०  किलोमीटर की उंचाई पर उड़ते हुए गुब्बारे हिमालय से लेकर दूर दराज के इलाके तक पहुंच सकते हैं  । ऐसे गुब्बारों का बड़ा नेटवर्क बना कर पूरी पृथ्वी को इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा जा सकता है  । गुब्बारों से एक सोलर पैनल जुड़ा होता है जो सूरज से बिजली बनाता है । इस बिजली से वो उपकरण चलते हैं जो ४ G कनेक्टिविटी देते हैं । ये जमीन पर लगे लाल रंग के गोले जैसा एंटीना पकड़ सकता है और अपने आसपास इंटरनेट सेवा दे सकता है । तो कहने का तात्पर्य  है की  अमेजन के जंगलों में भी अब इंटरनेट कनेक्टिवटी संभव हो सकती है ।

बहुत ही  हैरानी की बात है कि एक तरफ़ हम मंगल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी तरफ़ अपने ही कुनबे के लोगों से अब तक अनजान हैं । इससे भी हैरानी की बात कि दोनों ही  बातें  एक ही समय में हो रही है। ब्राज़ील और पेरू की सीमा पर ऐसे लोगों के बारे में जिन पर अभी तक मानव सभ्यता की नज़र ही नही पड़ी थी  । अमेज़न के जंगलों में इनसानों की ऐसी जाति मिली है  जिससे दुनिया अनजान थी  एक हवाई फोटो मे ये लोग पहली बार दिखे । फोटों में साफ दिखाई पड़ता है कि लाल के लोग, जो अमेज़न के घने जंगलों में तीर कमान लिये हैं  एक फोटों में देखा गया  है कि दो आदिवासी हवाई जहाज़ पर तीर से हमला करने के लिये तैयार खड़े  हैं और दूसरे पंद्रह आदिवासी हवाई झोपड़ियों के पास खड़े विमान देख रहे हैं ।  शायद वो हवाई जहाज़ को एक बड़ा पक्षी समझ रहे हैं, जो उन पर हमला कर सकता है  । ये फ़ोटो ब्राज़ील और पेरू की सीमा पर इन आदिवासियों के अस्तित्व का एक ठोस सबूत है और इस बात का भी कि मनुष्य ने भले ही कितनी ही प्रगति क्यों न कर ली हो अभी भी धरती पर ऐसे कोने मौजूद हैं जहां मनुष्य नहीं पहुंच सका है ।

ऐसे कितने ही रहस्य अपने में समेटे है ये अमेजन घने  के वर्षावन। विकास के नाम पर इन जंगलो  का विनाश न हो । अमेजन घने  के वर्षावन मानव को प्रकृति का अनुपम उपहार है तथा मानव को हमेशा इसे सुरक्षित रखना चाहिए  ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *