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ऑनलाइन शॉपिंग करने में रखे ये सावधानियाँ - Digital World Updates

ऑनलाइन शॉपिंग करने में रखे ये सावधानियाँ

घर बैठे अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर आराम से ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) करना जितना आरामदायक है, वहीं इसमें कुछ खतरे भी हैं। लिहाजा ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त कुछ सावधानियाँ बरतने की भी आवश्यकता है । ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) में आप तब तक सुरक्षित हैं, जब तक आप अनजान लोगों को अपने कार्ड या अकाउंट से सम्बंधित जानकारियाँ साझा नहीं करते। अक्सर ऐसे लोग हैकिंग का शिकार होते हैं जो अपने कम्प्यूटर सिस्टम के ऐंटीवायरस और ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय पर अपडेट नहीं करते हैं।

भारतवर्ष में इंटरनेट और स्मार्टफोन्स के तेजी से प्रसार के साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping), ऑनलाइन टिकट बुकिंग और अन्य तरह के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। डिजिटल भारत में अब ई-कॉमर्स अब एक बड़े ट्रेंड के रूप में उभर रहा है। लेकिन इसकी के साथ-साथ हैकर्स का खतरा भी बढ़ता जा रहा है जो की कस्टमर की गोपनीय जानकारी चुराकर उन्हें आर्थिक रूप से नुक्सान भी पहुंचा रहे है। अधिकतर केस में हमारी खुद की ज़रा से असावधानी उन्हें ऐसा करने का मौका देती है। यदि हम ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन (Online Transaction) करते वक़्त कुछ सामन्य बातों का ध्यान रखे तो हम अपने पैसों को सुरक्षित रख सकते है।

किसी भी शॉपिंग वेबसाइट पर अपना कॉन्फिडेंशियल डेटा डालने से पहले चेक कर लें कि वेबसाइट एनक्रिप्शन का इस्तेमाल कर रही है या नहीं। एनक्रिप्शन के जरिए किसी भी डेटा को सुरक्षित किया जाता है, ताकि नेटवर्क में ट्रैवल करते समय आपके डेटा को कोई नुकसान ना हो या फिर वह चोरी ना हो।

 

कोई भी शॉपिंग वेबसाइट एनक्रिप्टेड है या नहीं इसे चेक करने के लिए URL देखें। यदि URL में HTTPS है तो वह वेबसाइट एनक्रिप्टेड है। HTTPS में S का मतलब है security. यदि URL में दाईं तरफ ‘बंद ताले’ का निशान हो तो भी वह वेबसाइट सुरक्षित है।

हमेशा बचाव इलाज से अधिक बेहतर होता है। यही बात ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को मामले में भी लागू होती है। इंटरनेट पर मालवेयर, स्पैम और स्पाइवेयर की भरमार है। इन सबसे बचने के लिए बेस्ट प्रोटेक्शन वाले एंटीवायरस का इस्तेमाल ज़रूर करें। फ्री एंटीवायरस सिर्फ़ फिशिंग, मालवेयर और ट्रोजन से ही बचाव करते हैं। पूरी सुरक्षा के लिए एंटीवायरस का फुल वर्जन खरीद कर कम्प्यूटर या लेपटॉप में इंस्टॉल चाहिए।

एक अध्ययन से इस बात का पता चला है कि अधिकतर लोग अपने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए कॉमन पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए | अगर किसी हैकर को आपके एक पासवर्ड का एक्सेस मिल गया तो वह आपके सभी अकाउंट तक अपनी पहुंच बना सकता है, क्योंकि आपने हर जगह एक ही पासवर्ड रखा है। इस वर्चुअल वर्ल्ड में खुद को सुरक्षित रखने के लिए हर ट्रांजेक्शन के लिए अलग-अलग पासवर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए ।

 

यदि कोई शॉपिंग वेबसाइट आपको कैश ऑन डिलीवरी (Cash On Delivery) का ऑप्शन देती है तो इसे इस्तेमाल करने से जरा भी नहीं हिचकें। ऐसा करने से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको ऑनलाइन पेमेंट नहीं करना होता है, जिससे आपके अकाउंट की जानकारियों के हैक होने का खतरा बिल्कुल कम हो जाता है। बहुत सारे लोग कैश ऑन डिलिवरी के ऑप्शन को नहीं लेते हैं, क्योंकि इसमें कुछ वेरिफिकेशन से गुजरना पड़ता है। ऐसी स्थिति में आलस न करते हुए कैश ऑन डिलीवरी (Cash On Delivery) का ऑप्शन लें और अपने अकाउंट को सुरक्षित  रखे ।

इंटरनेट पर कोई भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करने के लिए अपना पर्सनल कम्प्यूटर या फिर कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, जैसे फोन या टैबलेट का इस्तेमाल करें। कभी भी कोई पब्लिक कम्प्यूटर या किसी दोस्त का मोबाइल किसी भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के लिए प्रयोग कभी न करें। इतना ही नहीं, यदि आप इंटरनेट का प्रयोग वाई-फाई का इस्तेमाल करके कर रहे हैं, तो इस बात का खास ध्यान रखें कि वह वाई-फाई पासवर्ड प्रोटेक्टेड हो। किसी भी पब्लिक वाई-फाई पर फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन कभी नहीं करनी चाहिए ।

कोई भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन (Online Transaction) करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप एक ब्रांडेड मर्चेंट से ही खरीददारी कर रहे हैं। कई सारे छोटे वेंडर बहुत ही कम सिक्योरिटी के साथ मार्केट में ऑपरेट कर रहे हैं, जिन पर कोई भी ट्रांजेक्शन करने का मतलब है, अपनी खुद की गोपनीय जानकारियों को खतरे में डालना। हमेशा मर्चेंट की प्राइवेसी पॉलिसी का भी विशेष ध्यान रखें। कई बार छोटी कंपनियाँ आपकी पर्सनल जानकारी दूसरी मार्केटिंग या रिसर्च कंपनियों के साथ शेयर करने की पॉलिसी बना लेती हैं, जिनके बारे में आपको पता नहीं होता है। आपकी पर्सनल जानकारी शेयर करने से आपके अकाउंट की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।

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