जैसा की जानकारों ने कहा है की कुम्भ विवाह का सीधा सम्बन्ध Manglik योग से है। यदि मंगल जन्मकुंडली में 1, 4, 7, 8, 12वें स्थान में बैठा हो तो मंगल की दृष्टि कुंडली के सातवें घर पर पड़ती है। सातवाँ घर कुंडली में पत्नी या जीवनसाथी का होता है। मनुष्य के विवाह के लिए सातवें घर की स्थिति का आकलन किया जाता है। यदि मंगल का प्रभाव या स्थिति सातवें घर पर हो तो कुंडली में मांगलिक योग बनता है। यह योग चालीस प्रतिशत लोगों की कुंडलियों में मिल जाएगा और इसमें मंगल की क्षमता का गहराई से अध्ययन करने के बाद ही पता चलता है कि मांगलिक योग है या नहीं। और यह काम ज्तोतिष का जानकर ही कर सकता है। इस तरह से देखा जाए तो मांगलिक का प्रतिशत चालीस प्रतिशत से सीधा दस या बारह प्रतिशत पर आ जाएगा। इनमे से भी जो लोग बहुत ज़्यादा हद तक मंगल के बुरे प्रभाव से पीड़ित हैं या जिनका पहला विवाह Manglik Dosha या किसी अन्य योग के कारण टूटने का योग हो उन्हें ही कुम्भ विवाह की सलाह दी जाती है।
कुछ जानकर पंडितो के अनुसार अगर वर-वधु की उमर अगर 30 वर्ष से अधिक हो या जिस स्थान पर वर या वधु का मंगल स्थित हो उसी स्थान पर दुसरे के कुंडली में शनि-राहु-केतु या सूर्य हो तो भी मंगल-दोष विचारनीय नहीं रह जाता अगर दूसरी कुंडली मंगल-दोषयुक्त न भी हो तो। या वर-वधु के गुण-मिलान में गुंणों की संख्या ३० से उपर आती है तो भी Mangal Dosha विचारनीय नहीं रह जाता है।
जानकारों के अनुसार कुम्भ विवाह करने के पीछे बहुत ही औचित्य पूर्ण तर्क मिलता है कि यदि किसी कन्या की दो शादियों का योग हो तो शादी से पहले विधि विधान से जिस प्रकार किसी व्यक्ति के साथ विवाह किया जाता है उसी प्रकार निर्जीव वस्तु यानी घड़े से विवाह कराकर उस घड़े को तोड़ दिया जाता है | इस तरह से कन्या की जब शादी होगी तो उसे पहली न मानकर दूसरी शादी माना जाएगा |
जानकारों की यदि माने तो Kumbh Vivah किसे करना चाहिए या किसे नहीं करना चाहिए यह जानना भी आवश्यक है क्योंकि ऐसे कितने ही झोलाछाप पंडित भी हैं जो अधकचरे ज्ञान के चलते केवल यह देखकर कि लड़की Manglik है कुम्भ विवाह की सलाह दे देते हैं। वे नहीं जानते की अपने थोड़े से पैसों के लाभ के लिए जो लोग ऐसा करते हैं उसका ख़ामियाज़ा किसी मासूम को भुगतना पड़ सकता है। कुम्भ विवाह भी वास्तव में विवाह ही है और इसके बाद होने वाले विवाह को कुंडली के दूसरे घर से देखा जाएगा। यदि सभी Manglik लोगों का कुम्भ विवाह ज़रूरी है तो तलाक या पुनर्विवाह के मामले कम से कम चालीस प्रतिशत केवल मांगलिक लोगों की वजह से होते। इसलिए केवल मांगलिक देखकर जो लोग अनाप शनाप भविष्यवाणी करते हैं उनसे बचना चाहिए | Kumbh Vivah तभी करना चाहिए जब दो विवाह का योग कुंडली में बना रहा हो। नीचे दी गई कुंडली में Kumbh Vivah की सलाह दी जा सकती है।
सबसे पहली बात तो यह है कि उपर्युक्त कुंडली में जातिका मांगलिक नहीं है। इसमें शुक्र और शनी सातवें घर में काफी अच्छे होते हैं परन्तु एक साथ नहीं। इस कुंडली में दो विवाह का योग है जिसकी वजह यह है कि शुक्र चित्र नक्षत्र में है जो कि मंगल का है। मंगल इस कुंडली में छठे स्थान से सम्बन्ध रखता है। छठे स्थान से सातवें स्थान का सम्बन्ध ही पहले विवाह को असफल करना के लिए काफी है। शनि भी स्वाति नक्षत्र में है जो कि राहू का है। इस तरह सातवें घर का सम्बन्ध मंगल, राहू और शनि से है। शनि इस कुंडली में उतना बुरा प्रभाव नहीं रखता है क्योंकि उच्च राशि में है इसलिए मंगल और राहू से दो विवाह का योग बनता है।
इसके आलावा अर्क विवाह या वट विवाह का भी वही उद्देश्य होता है जो कुम्भ विवाह का है। स्थान और देश के अनुसार सब जगह अपनी-अपनी तरह से लोग Kumbh Vivah या अर्क विवाह करते हैं। वट वृक्ष से विवाह करवाना वट विवाह कहलाता है। आक का पौधा होता है आक के पौधे से विवाह अर्क विवाह कहलाता है और भी कई चीजें हो सकती हैं परन्तु उपर्युक्त जो कुछ मुझे ज्ञात है मैंने वही लिखा है। अर्क का पौधा शनि से सम्बन्धित है जहाँ शादी में देर के लिए शनी जिम्मेदार हो वहाँ अर्क विवाह किया जा सकता है। मंगल के लिए कुम्भ विवाह ही होता है। यदि कन्या की कुंडली में वैधव्य योग हो तो उत्तर भारत में विष्णु की प्रतिमा से विवाह किया जाता है।
जातक को यदि जरूरी हो तो Kumbh Vivah, अर्क विवाह या वट विवाह जो भी कहा गया है करवाने में कोई नुक्सान नहीं है | यह क्रिया पूर्ण श्रद्धा और विशवास के साथ ही की जानी चाहिए | जंहा तक हो सके इस क्रिया को गुप्त रूप से करना चाहिए | यदि लड़की के मामा की मदद ली जाए तो बहुत ही उत्तम है | वट विवाह, पीपल विवाह आदि से बचना चाहिए क्योंकि कहते हैं वृक्षों पर ऊपरी शक्तियों का प्रकोप हो सकता है |
हमारे पाठको की जानकारी के लिए उक्त समस्त जानकरी का हमने संकलन मात्र किया है, हम कोई ज्योतिष या पंडित नहीं है । अतः इस प्रकार की कोई समस्या के लिए आप किसी अच्छे जानकार की सलाह और निर्देशन में ही कोई कार्य करे तो बेहतर होगा ।