भारतीय अर्थव्यवस्था (Economy of India) वर्ष 2018 में 7 प्रतिशत की वृद्धि तक पहुंच सकती है । गतिरोध और जीएसटी रोल आउट के प्रभाव से ‘अवरुद्ध’ होने के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत की वृद्धि तक पहुंच सकती है, जिसमें लोकसभा चुनावों से पहले साल पहले तनावग्रस्त ग्रामीण परिदृश्य की ओर झुकने वाली सरकार की नीतियों को भी शामिल किया गया था।
यदि आंकड़ों की बाजीगरी को मानें तो वर्ल्ड इकोनॉमी में भारत बहुत जल्द ही एक बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत डॉलर टर्म्स में ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे छोड़कर अगले साल दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी हो जाएगा। भारत का दुनिया की पांच बड़ी इकोनॉमी में शामिल होना दुनिया में एशिया के बढ़ते दबदबे को भी दिखाता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 15 साल में ग्लोबल इकोनॉमी में एशियाई देश ही ज़्यादा दमदार होंगे।
अभी हाल ही में ‘सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च’ यानी Cebr ने आने वाले वर्ष 2018 के लिए यह रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि नए साल में ग्लोबल इकोनॉमी की रफ्तार तेज होगी और इसकी वजह सस्ती ऊर्जा और टेक्नोलॉजी होंगे। रिपोर्ट में एशियाई देशों का जिक्र खास तौर पर किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 15 साल के दौरान ग्लोबल इकोनॉमी में एशियाई देशों का प्रभाव होगा और टॉप 5 इकोनॉमी में भारत की एंट्री को इसी लिहाज से देखा जाना चाहिए ।
Cebr के डिप्टी चेयरमैन डगलस मैक्विलियम्स के अनुसार कुछ अनियमित दिक्कतों के बावजूद भी भारत इस वक्त फ्रांस और ब्रिटेन के साथ है। इसमें कोई दोराय नहीं हो सकती की 2018 में डॉलर के लिहाज से भारत इन दोनों देशों को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।
मैक्विलियम्स ने यह भी कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से इंडियन इकोनॉमिक(Economy of India) ग्रोथ कुछ कम ज़रूर हुई थी। यदि दुनिया में नंबर एक की बात करें तो चीन 2032 तक अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की नंबर वन इकोनॉमी बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूएस प्रेसिडेंट का प्रभाव ट्रेड सेक्टर में कम नजर आया है। इसके बावजूद अमेरिका ग्लोबल इकोनॉमी में टॉप पर बना रहेगा। ब्रिटेन फ्रांस को पीछे छोड़ देगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर आने (ब्रेक्जिट) का असर उसकी इकोनॉमी पर नजर आया है। हालांकि, ब्रेक्जिट को लेकर जिस तरह की आशंकाएं थीं, वो सही साबित नहीं हुईं। सन 2032 तक रूस 11 रैंक से फिसलकर 17th पर आ जाएगा।
एक न्यूज एजेंसी ने इकोनॉमिस्ट्स का एक पोल कराया। इसमें कहा गया है कि 2018 में ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ 3.6 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। इस साल यानी 2017 में यह 3.5 है।