भारत ने सुपर पावर बनने की दिशा में बढ़ाया एक और कदम

सुपर पावर बनने की दिशा में भारत ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। भारत ने पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित अडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल (Supersonic Interceptor Missile) का ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से आज सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल बेहद कम ऊंचाई से आने वाली किसी भी बलिस्टिक मिसाइल को बीच में ही मार गिराने में सक्षम है। इस वर्ष किया गया यह तीसरा सुपरसोनिक इंटरसेप्टर परीक्षण है, जिसमें सामने से आ रही बलिस्टिक मिसाइल को धरती के वातावरण के 30 किलोमीटर की ऊंचाई के दायरे में सफलतापूर्वक निशाना बनाकर उसे नष्ट किया गया है।

परीक्षण की सफलता के बाद रक्षा सूत्रों ने बताया की यह एक सीधा निशाना था और यह भारत के लिए बड़ी सफलता है। इससे पहले 11 फरवरी और एक मार्च 2017 को सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल (Supersonic Interceptor Missile) के दो परीक्षण किए जा चुके हैं। ये बहुस्तरीय बलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं।

सूत्रों ने कहा, आज का परीक्षण उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर के विभिन्न मानकों के सत्यापन के लिए किया गया और सभी सफल रहे। चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर तीन से टारगेट मिसाइल-पृथ्वी मिसाइल दागी गई | रक्षा सूत्रों ने बताया कि ट्रैकिंग राडारों पर सिग्नल मिलने के बाद बंगाल की खाडी में अब्दुल कलाम द्वीप पर तैनात इंटरसेप्टर एएडी मिसाइल गर्जना करते हुए बीच हवा में दुश्मन मिसाइल को नष्ट करने के लिए आगे बढ़ी और सफलतापूर्वक निशाना लगाया।

जानकारों के अनुसार 7.5 मीटर लंबी एकल चरण ठोस रॉकेट प्रणोदन निर्देशित यह मिसाइल हाई-टेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मकैनिकल ऐक्टिवेटर वाली दिशानिर्देशन प्रणाली से लैस है। इस अत्याधुनिक मिसाइल का अपना खुद का मोबाइल लॉन्चर है और यह दुश्मन मिसाइल को निशाना बनाने के लिए सुरक्षित डेटा लिंक, आधुनिक राडार और अन्य तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी विशिष्टताओं से युक्त है।

इससे पहले मिसाइल से मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता इसके पहले अमेरिका, रूस और इजरायल के पास ही थी, लेकिन अब भारत भी इसमें शुमार हो गया है।

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