मोदी सरकार के आम बजट 2018 (Budget 2018) के अगले दिन शेयर बाज़ार में भारी गिरावट का दौर देखने को मिला। जानकारों का मानना है कि बजट में फिस्कल घाटे के ज़्यादा होने और लंबी अवधि के कैपिटल गेन पर टैक्स लगाने से सरकार के फैसले से यह गिरावट देखी जा रही है। उस दिन सुबह बीएसई में करीब 300 अंकों की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी 10950 के कारोबार करने लगा। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी घरेलू शेयरों को नुकसान दिखाई दे रहा है। वे भी बजट के दूसरे दिन कमजोर खुले। गुरुवार की तुलना में रुपया भी 64.02 से फिसलकर 64.18 पर आ गया।
आम बजट 2018 (Budget 2018) के बाद बाजार में भारी बिकवाली दबाव था, लेकिन कारोबार के अंतिम घंटे में घरेलू संस्थागत निवेशकों की लिवाली से इसका असर कम हो गया। बता दें कि बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े स्टॉक्स में गिरावट देखी जा रही है येस बैंक, एचडीएफसी, एसबीआई और इंडसइंड बैंक के शेयरों में करीब 2 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
इसके अतिरिक्त 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत करने के अनुमान से भी बाज़ार धारणा पर ख़ासा असर हुआ। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत तय किया गया है, जबकि राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन कानून में इसके लिए तीन प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है।
इस आम बजट 2018 (Budget 2018) में वित्तमंत्री ने दीर्घकालिक कैपिटल गेन पर टैक्स का जो नया नियम बताया है उससे भी भारतीय बाज़ार काफी प्रभावित हुआ है। वर्तमान में कैपिटल गेन (एलसीजीटी) पर कोई टैक्स नहीं है अगर शेयरधारक एक साल तक शेयर बनाए रखता है। उल्लेखनीय है, कि 2014 की शुरुआत से शेयर बाजारों में 94 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है। नए नियम के हिसाब से अब विदेशी संस्थागत निवेशकों को आय पर टैक्स देना होगा।
कई जानकारों की राय में जहां शेयर बाजार में निवेश से नुकसान के आसार हैं वहीं बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में जो निवेश की घोषणा की गई है उससे बाजार को और अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होने की भी उम्मीद है । कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि बेहतर टैक्स कलेक्शन, ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश, जीडीपी, नौकरी में बेहतर अवसर के कारण शेयर बाज़ार के साथ-साथ पूरी अर्थव्यवस्था में कुछ दिनों में बेहतर परिणाम मिल सकतें है।
आरबीआई की विभिन्न ब्याज दरों को रिव्यू करने का समय भी आ गया है। इसका भी बाज़ार पर काफी असर होगा। अगले हफ्ते आरबीआई यह काम कर सकता है और घोषणा कर सकता है। अब देखना यह है आम बजट 2018 (Budget 2018) के बाद आई बाजार की यह उथल – पुथल कब थमेगी तथा भारतीय बाजार किस तरफ जाता है ।