आपने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BitCoin) और लिटकॉइन (LiteCoin) के बारे में तो खूब सुना होगा। दरअसल ये दोनों ही आभासी मुद्रा हैं, जिन्होंने पिछले दिनों निवेश्कों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। हालांकि BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई की तरफ से चेतावनी भी जारी की जा चुकी है। अब खबर है कि टेलीकॉम इंडस्ट्री में धमाल मचाने के बाद रिलायंस जियो (Reliance Jio) अपनी क्रिप्टोकरेंसी लाने का प्लान कर रहा है। इस क्रिप्टोकरेंसी का नाम जियो कॉइन (JioCoin) रखा जाएगा। खबर यह भी है कि इस अहम प्रोजेक्ट का नेतृत्व मुकेश अंबानी नहीं बल्कि उनके बेटे आकाश अंबानी करेंगे।
यदि सभी कुछ सही रहा तो टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा फेरबदल करने के बाद अब मुकेश अंबानी जल्द ही एक नया काम करने जा रहे हैं। उनके इस प्रोजेक्ट में 50 यंग टेलेंटेड प्रोफेशनल्स की टीम काम करेगी। और इसे शायद मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश अंबानी लीड करेंगे।
आ रही खबरों के मुताबिक जियो जल्द ही अपनी खुद की क्रिप्टो करेंसी बनाने की प्लानिंग में है। इसके लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम भी किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को पूरी यंग मेम्बर्स की टीम आगे बढ़ाएगी। इसमें टीम के सदस्यों की औसत आयु 25 साल होगी।
पुराने ज़माने में जिस तरह हिसाब-किताब बहीखाता में किया जाता था, ठीक उसी तरह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए हिसाब रखा जाता है। यह प्रकार से डिजिटल लेजर (बही) है। इसमें डाटा फिजिकल सर्वर में स्टोर नहीं होता बल्कि क्लाउड में सेव होता है। क्लाउड में डाटा सेव होने से यहाँ अनलिमिटेड डाटा स्टोर किया जा सकता है। इसके साथ ही इस डाटा को रियल टाइम में एक्सेस किया जा सकता है। इसके जरिए फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन भी होते हैं। ब्लॉकचेन में कस्टमर्स सीधे फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। उन्हें किसी भी थर्ड ओर्गनाइजेशन की ज़रूरत नहीं है।
जिस प्रकार दूसरे ट्रांजेक्शन में बैंक बीच में होता है लेकिन इसमें बैंक की कोई ज़रूरत नहीं। हर ट्रांजेक्शन लेजर में रिकॉर्ड होता है। नेटवर्क पार्टिसिपेंट्स इसका वेरिफिकेशन करते हैं। इस टेक्नोलॉजी की सबसे ज़्यादा पॉपुलर होने वाली करेंसी क्रिप्टो करेंसी है। वहीं रिलायंस जियो अपनी खुद की करेंसी बनाने की प्लानिंग में है, इसका नाम जियो कॉइन (JioCoin) होगा।
2013 से 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सरकार का रुख बहुत साफ रहा है कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं। कनिमोझी ने सवाल पूछा था कि क्या सरकार बिटकॉइन और एथिरियम जैसी क्रिप्टो करेंसियों को विनियमित करने के सम्बंध में विचार कर रही है। अरुण जेटली ने कहा था कि क्रिप्टो करेंसी का एक पहलू यह है कि उनमें सरकार पर निर्भरता का अभाव है।
फिलहाल करीब 785 आभासी मुद्राएं चल रही हैं। आरबीआई ने भी पिछले दिनों चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है और इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। साल 2017 के अंतिम दिनों में बिटकॉइन की कीमत ने करीब 13 लाख रुपए का आंकड़ा छू लिया था।