Diwali पर्व के ऐन मौके पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पटाखा विक्रेताओं (Cracker vendors) का दिवाला-सा निकल गया प्रतीत होता है। विक्रता इस असमंजस में हैं कि आखिर अब वह क्या करें। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के पूर्व ही विक्रेताओं ने अकूत पटाखाें की खरीदारी कर ली थी। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद उसके विक्री पर लगे प्रतिबंध से उनके समक्ष रोजी रोटी का सकंट उत्पन्न हो गया है। अब उनको यह भी चिंता सताने लगी है कि इस बड़े नुकसान की भरपाई कैसे होगी? उधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ गाजियाबाद में पटाखा व्यापारी सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया।
Diwali के दौरान 31 अक्टूबर तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने के Supreme court के फैसले पर Cracker vendors ने नाराजगी जताई है। दुकानदारों का कहना है कि हमने तो बिक्री के लिए पटाखे होल सेल में खरीद लिए हैं, अब हमारे नुकसान की भरपाई कैसे होगी?
पटाखे की बिक्री पर बैन की खबर से दिल्ली एनसीआर के पटाखा विक्रेताओं में हड़कंप मचा है। Cracker vendors में बहुत ही ज़्यादा हताशा है, उनका कहना है कि त्यौहार के अवसर पर यह बैन उनके रोजगार पर ताला लगाने जैसा काम करेगा। दिल्ली के चांदनी चौक में इस खबर को सुनते ही विक्रेता लिखित आदेश आने तक सस्ते में पटाखे निकालते नजर आए | दिवाली के मौके पर पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर तक के लिए दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि कोर्ट 12 सितंबर के अपने उस आदेश को वापस ले जिसमें कोर्ट ने शर्तों के साथ दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक हटाई थी।
Supreme court ने अपने इस महत्त्वपूर्ण फैसले में कहा कि दिवाली के बाद इस बात की भी जांच की जाएगी कि पटाखों पर बैन के बाद हवा की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है या नहीं। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि 1 नवंबर के बाद पटाखों की बिक्री फिर से शुरू की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखा विक्रेताओं को दिए नए और पुराने दोनों ही लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर लगी रोक कुछ शर्तों के साथ हटाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में पटाखों की बिक्री के लिए पुलिस की निगरानी में लाइसेंस दिए जाएं। ज़्यादा से ज़्यादा 500 अस्थाई लाइसेंस ही दिए जा सकेंगे। अब कोर्ट ने पूरी तरह से पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है।
यंहा पर ध्यान देनेवाली बात ये है कि इसी महीने वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी ‘सफर’ (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च) ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की क्वॉलिटी खराब हो गई है और अगले कुछ दिनों में हालात और खराब होंगे। वायु गुणवत्ता सूचकांक के खराब होने का मतलब है कि लोग यदि ऐसी हवा में लंबे समय तक रहें तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
Supreme court ने पटाखों की बिक्री पर तो प्रतिबंद लगा दिया लेकिन पटाखे के विक्रेता कोर्ट के इस फैसले से काफी नाराज दिखाई दिए | सभी पटाखा विक्रेतओं का कहना है कि हम Supreme court के फैसले का पालन करते हैं लेकिन हम बस इतना चाहते हैं कि बड़े व्यापारियों की तरह हमें भी किसी तरह की छूट दी जाये और जो पटाखे विक्रेता खरीद के रख चुके हैं बेचने दिया जाये। वरना खरीदे गये पटाखों के न बिकने पर त्यौहार के मौके पर उनका बहुत सारा पैसा बर्बाद हो जायेगा। उनका सरकार से सवाल है कि वह लोग अब उन पटाखों का क्या करें जो वह खरीद चुके हैं। उन्हें क्या वह नदियों में बहा दें।