नोटबंदी और जीएसटी के बाद मोदी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि यह अभियान बेनामी संपत्ति (Black money)के खिलाफ होगा।
सुत्रों के अनुसार सरकार बेनामी संपत्ति (Black money) के खिलाफ जल्द ही बड़ा अभियान चला सकती है। आने वाले दिनों में मालिकाना हक के कानूनी सबूत न मिलने पर बड़ी संख्या में सरकार बेनामी संपत्तियों को कब्जे में ले सकती है।
आमतौर पर ऐसे लोग बेनामी संपत्ति रखते हैं जिनकी आमदनी का मौजूदा स्रोत स्वामित्व वाली संपत्ति खरीदने के लिहाज से अपर्याप्त होता है। यह बहनों, भाइयों या रिश्तेदारों के साथ ज्वाइंट प्रॉपर्टी भी हो सकती है जिसकी रकम का भुगतान आय के घोषित स्रोतों से किया जाता है।
बेनामी संपत्ति वह है जिसकी कीमत किसी और ने चुकाई हो किन्तु नाम किसी दूसरे व्यक्ति का हो। यह संपत्ति पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर खरीदी गई होती है। जिसके नाम पर ऐसी संपत्ति खरीदी गई होती है, उसे ‘बेनामदार’ कहा जाता है। बेनामी संपत्ति चल या अचल संपत्ति या वित्तीय दस्तावेजों के तौर पर हो सकती है। कुछ लोग अपने काले धन को ऐसी संपत्ति में निवेश करते हैं जो उनके खुद के नाम पर ना होकर किसी और के नाम होती है। ऐसे लोग संपत्ति अपने नौकर, पत्नी-बच्चों, मित्रो या परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से खरीदते लेते हैं।
बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाना जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने बेनामी संपत्ति कानून को धारदार बनाया है और आने वाले दिनों में यह कानून अपना काम करेगा ।
पीएम ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर बेनामी संपत्ति (Black money) से जुड़े कानून को कई दशकों तक ठंडे बस्ते में डालने का आरोप लगाया। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ मैंने पहले ही दिन कहा था, 8 तारीख को (नोटबंदी की घोषणा के दिन) कहा था, ये लड़ाई असामान्य है। 70 साल से बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में कैसी शक्तियां जुड़ी हुई हैं? उनकी ताकत कितनी है? ऐसे लोगों से मैंने जब मुकाबला करना ठान लिया है तो वे भी तो सरकार को पराजित करने के लिए रोज नए तरीके अपनाते हैं।
विपक्ष की आलोचना को दरिकनार करते हुए पीएम मोदी की अगुआई में केंद्र सरकार ने नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर 8 नवंबर को ‘ऐंटी ब्लैक मनी डे’ मनाया था। विपक्ष ने इस दिन पूरे देश में विरोध दिवस बनाने का ऐलान किया था।
सूत्रों की अगर माने पीएम मोदी ने नोटबंदी के बाद अपना अगला टारगेट बेनामी संपत्ति (Black money) को बनाया है और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर पूरे देश में अभियान चलाया जाएगा। दरअसल नोटबंदी के एक साल बाद सरकार करप्शन के खिलाफ जंग को जारी रखने का मजबूत संकेत देना चाहती है।
सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित अभियान में अगर मालिकाना हक के कानूनी सबूत नहीं मिले तो ऐसी बेनामी संपत्तियों को सरकार अपने कब्जे में ले सकती है। और इन बेनामी संपत्तियों (Black money) को भी गरीबों के लिए किसी योजना से जोड़ा जाएगा जैसे ब्लैक मनी के लिए दोबारा लाई डिस्कलोजर स्कीम के तहत राशि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में डाली गई थी।