Indore’s Rang Panchami Gair: History, Tradition and a Unique Rain of Colors

Indore rangpanchami ger

परिचय

जी हाँ भारत में स्वच्छता में हमेशा अव्वल रहने वाले इंदौर शहर की एक पहचान इसकी ” रंग पंचमी गैर ” भी है । जो सात समंदर पार तक प्रसिद्ध है ।

इंदौर, जिसे मध्य प्रदेश की व्यापारिक राजधानी कहा जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और त्योहारों के उत्साहपूर्ण आयोजन के लिए प्रसिद्ध है। होली के ठीक पाँच दिन बाद मनाई जाने वाली रंग पंचमी यहाँ विशेष रूप से अनोखे अंदाज में मनाई जाती है। इंदौर में इस पर्व की विशेष पहचान ‘गैर’ के कारण है, जो इसे देशभर के अन्य होली उत्सवों से अलग बनाती है।

रंग पंचमी गैर का ऐतिहासिक महत्व

रंग पंचमी की परंपरा इंदौर में सदियों पुरानी है। कहा जाता है कि इस त्योहार की शुरुआत होल्कर शासनकाल में हुई थी। होल्कर राजवंश ने इस पर्व को विशेष रूप से मनाने की परंपरा शुरू की, जिसमें पूरे शहर में हर्षोल्लास का वातावरण बनता था। शुरुआत में, यह केवल शाही परिवार और दरबारियों तक सीमित था, लेकिन धीरे-धीरे यह एक जन-उत्सव बन गया।

इंदौर में गैर निकालने की परंपरा का भी ऐतिहासिक महत्व है। यह एक विशेष जुलूस होता है जिसमें लोग रंगों से सराबोर होकर ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते-गाते हैं। इस परंपरा के पीछे यह मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन देवताओं पर अबीर-गुलाल अर्पित करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वातावरण शुद्ध एवं पवित्र बनता है।

गैर का आयोजन और इसकी भव्यता

इंदौर की रंग पंचमी गैर विशेष रूप से राजवाड़ा क्षेत्र से निकलती है, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग एकत्र होते हैं। इस दिन पूरा इंदौर रंगों से सराबोर होता है, और जगह-जगह अबीर-गुलाल की वर्षा होती है।

गैर में शामिल होने वाले लोग पारंपरिक पोशाकों में सज-धज कर आते हैं, और ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस का हिस्सा बनते हैं। इस दौरान फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से रंगों की वर्षा की जाती है, जिससे यह नज़ारा और भी मनोरम हो जाता है।

गैर में घोड़े, बग्घियाँ, हाथी और बैंड-बाजे भी शामिल होते हैं, जो इसे और भव्य बना देते हैं। लोग सड़कों के किनारे खड़े होकर इस उत्सव का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे को रंग लगाकर खुशियाँ मनाते हैं।

वर्तमान परिदृश्य

आज के समय में भी इंदौर की रंग पंचमी गैर की परंपरा उसी जोश और उत्साह के साथ जारी है। हाल के वर्षों में इस आयोजन को और भी आकर्षक और व्यवस्थित बनाया गया है। प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाते हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

कोविड-19 महामारी के दौरान इस उत्सव पर अस्थायी रोक लगाई गई थी, लेकिन अब यह फिर से पूरे उत्साह के साथ मनाया जाने लगा है। गैर में शामिल होने वाले लोग अब और भी अधिक ऊर्जा और उमंग के साथ भाग लेते हैं। सोशल मीडिया और लाइव स्ट्रीमिंग के ज़रिए अब यह उत्सव देश-विदेश तक पहुँच चुका है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण

इंदौर की रंग पंचमी गैर अब सिर्फ इंदौरवासियों के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बन गई है। देश-विदेश से लोग इस अनोखे आयोजन का हिस्सा बनने इंदौर आते हैं। रंगों की यह बारिश और उत्सव का आनंद लेने के लिए हर साल लाखो की संख्या में लोग यहाँ एकत्र होते हैं।

निष्कर्ष

इंदौर की रंग पंचमी गैर सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का एक रंगीन संगम है। यह आयोजन सामाजिक समरसता और उल्लास का प्रतीक है, जो हर साल लोगों को जोड़ने और खुशियाँ बाँटने का काम करता है।

यदि आप कभी इंदौर आएँ, तो रंग पंचमी के इस अद्भुत उत्सव का अनुभव अवश्य लें। यह न केवल रंगों का त्योहार है, बल्कि इंदौर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव भी है।

आप सभी को होली एवं रंगपंचमी की रंगारंग शुभकामनाएं ।

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