Viswanathan Anand: Bharat ke Shatranj Ke Maharathi

प्रस्तावना जब भी भारत में किसी खेल के महानायक की बात होती है, तो क्रिकेट और बैडमिंटन के बाद यदि कोई खेल देश के गर्व का प्रतीक बना, तो वह…

क्रिमिनल जस्टिस वेब सीरीज़ की पूरी कहानी और समीक्षा: सभी सीज़न्स एक नज़र में

भूमिका: जब भारत में वेब सीरीज़ की लहर आई, तो कुछ सीरीज़ ने सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं दिया बल्कि सोचने पर मजबूर कर दिया। Criminal Justice उन्हीं में से एक है। यह सीरीज़ ना केवल हमें एक क्राइम थ्रिलर का मज़ा देती है, बल्कि हमें देश की न्याय व्यवस्था, इंसान की मानसिक स्थिति और सच्चाई की परतों से भी रूबरू कराती है। अब तक इस शो के तीन सीज़न आ चुके हैं, और हर सीज़न अपने आप में एक बिल्कुल अलग कहानी, किरदार और अनुभव लेकर आया है। इस लेख में हम Criminal Justice के सभी एपिसोड्स और सीज़न्स की एक निष्पक्ष समीक्षा करेंगे। सीज़न 1: Criminal Justice (2019) मुख्य कलाकार: विक्रांत मैसी, पंकज त्रिपाठी, जैकी श्रॉफ, अनुप्रिया गोयनका निर्देशक: तिग्मांशु धूलिया और विशाल फुरिया कहानी: पहला सीज़न हमें एक साधारण टैक्सी ड्राइवर “आदित्य” की कहानी में खींच लेता है, जो एक लड़की को लिफ्ट देता है और अगली सुबह उसी लड़की की हत्या के आरोप में जेल पहुंच जाता है। केस में बहुत सारे ट्विस्ट हैं — फोरेंसिक एविडेंस, CCTV, आदित्य की याददाश्त का गायब होना और पुलिस की लापरवाही। समीक्षा: यह सीज़न एक मजबूत कहानी और शानदार परफॉर्मेंस का नमूना है। विक्रांत मैसी ने आदित्य के किरदार में कमाल कर दिया। वहीं पंकज त्रिपाठी (मधव मिश्रा) ने अपने हल्के-फुल्के लेकिन धारदार अभिनय से शो में जान डाल दी। यह सीज़न आपको अपराध,…

तारक मेहता का उल्टा चश्मा: क्यों जा रहे हैं एक-एक कर पुराने कलाकार?

तारक मेहता का उल्टा चश्मा कलाकार क्यों छोड़ रहे हैं?” यह सवाल आज हर दर्शक के मन में है जो सालों से इस शो से जुड़े हुए हैं। भारत के सबसे लंबे चलने वाले कॉमेडी धारावाहिकों में से एक, TMKOC ने 15 सालों तक लोगों के दिलों में जगह बनाई है। लेकिन हाल के वर्षों में कई पुराने और लोकप्रिय चेहरे इस शो को अलविदा कह चुके हैं। इस ब्लॉगपोस्ट में हम समझेंगे कि आखिर क्या वजह है कलाकारों के जाने की, और शो पर इसका क्या असर पड़ा है।   तारक मेहता का उल्टा चश्मा: शो की लोकप्रियता का इतिहास 2008 में शुरू हुआ यह शो शुरू से ही हंसी, पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक संदेशों का मेल रहा है। गोकुलधाम सोसाइटी की कहानियां आम आदमी की ज़िंदगी से जुड़ती हैं। खासकर जेठालाल, दया बेन, टप्पू सेना और पोपटलाल जैसे किरदार तो घर-घर में चर्चित हो गए।   . कौन-कौन कलाकार छोड़ चुके हैं शो? यहां कुछ प्रमुख नाम दिए गए हैं जिन्होंने शो से विदा ली: दया बेन (दिशा वकानी) टप्पू (भव्य गांधी और राज अनादकट) सोनू (निधि भानुशाली) अंजलि मेहता (नेहा मेहता) रोशन भाभी (जेनिफर मिस्त्री) इनमें से कुछ कलाकारों ने खुद यह स्वीकारा कि शो से अलग होने के पीछे व्यक्तिगत कारणों के अलावा सेट का माहौल, अनुबंध और पेमेंट जैसे मुद्दे भी रहे।   कलाकारों के शो छोड़ने के पीछे की मुख्य वजहें . सेट का कार्य वातावरण (Work Culture)…

अहमदाबाद विमान दुर्घटना 2025: दशकों में भारत की सबसे घातक हवाई त्रासदी

  क्या हुआ 12 जून, 2025 को एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (पूंछ संख्या वीटी-एएनबी), 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के साथ अहमदाबाद हवाई…

Papmochani Ekadashi: The auspicious path to freedom from sins and attain salvation

पापमोचनी एकादशी का महत्व सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अत्यधिक पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियाँ आती हैं, जिनमें से चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी…

Indian Premier League (IPL) History and IPL 2025

परिचय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया की सबसे प्रसिद्ध और प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट लीगों में से एक है। इसकी स्थापना 2008 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा की गई थी।…

Indore’s Rang Panchami Gair: History, Tradition and a Unique Rain of Colors

परिचय जी हाँ भारत में स्वच्छता में हमेशा अव्वल रहने वाले इंदौर शहर की एक पहचान इसकी ” रंग पंचमी गैर ” भी है । जो सात समंदर पार तक…

Holi: A festival of colours and love

होली: रंगों का उल्लास और प्रेम का पर्व होली भारत के सबसे प्रमुख और हर्षोल्लास से भरे त्योहारों में से एक है। यह सिर्फ रंगों का खेल नहीं, बल्कि प्रेम,…

Mahashivratri: The great festival of spiritual awakening and worship of Lord Shiva

महाशिवरात्रि: आध्यात्मिक जागरण और भगवान शिव की आराधना का महापर्व सनातन धर्म में महाशिवरात्रि एक अत्यंत पावन और आध्यात्मिक पर्व है, जिसे भगवान शिव के भक्त अत्यंत श्रद्धा और भक्ति…

गीता का सार संक्षेप में

कृष्ण को अर्जुन के तर्कों से सहानुभूति नहीं है। बल्कि, वह अर्जुन को याद दिलाते हैं कि उसका कर्तव्य लड़ना है और उसे अपने दिल की कमजोरी पर काबू पाने…